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राज्य सरकार की सुराजी ग्राम योजना से महिलाएं बना रही हैं अपनी अलग पहचान

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राज्य सरकार की सुराजी ग्राम योजना से महिलाएं बना रही हैं अपनी अलग पहचान

रायपुर। राज्य शासन की सुराजी गांव योजना के  अंतर्गत गौठानों में महिलाओं को रोजगार देकर उनके लिए आर्थिक स्त्रोत का माध्यम बनाया गया है।  जिले के तिल्दा विकासखंड के मुरा गौठान में महिलाओं को स्वयं का रोजगार मिलने से आय का जरिया बना है,इससे न केवल परिवार में अपितु ग्रामीण समाज में अपनी अलग पहचान बना रही है।

गौठानों में संचालित विभिन्न आयमूलक गतिविधियों का संचालन समूह की महिलाएं बड़ी आसानी से सफलतापूर्वक कर रही है। ज्ञात हो मुरा गौठान लगभग 18 एकड़ में स्थापित है जिसमे 3 एकड़ में बाड़ी,9 एकड़ में चारागाह और 6 एकड़ में गौठान है। गोवर्धन गौठान समूह की दीदीयों ने वर्मी का उत्पादन कर अब तक लगभग 2 लाख रुपये का लाभांश प्राप्त किया है। जो उनके लिए किसी सपने से कम नहीं है।

इसी तरह बाड़ी में भिंडी, गलका, लौकी, प्याज जैसी सब्जियों के उत्पादन से लगभग 1 लाख हजार का मुनाफा समूह को हुआ है। इस समूह की महिलाएं होने वाली आय से परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपने सपनों को पूरा कर रही हैं।

समूह की अध्यक्ष पदमा यादव बताती है कि  गौठान के कारण महिलाओं को अब रोजगार ढूंढने बाहर नहीं जाना पड़ता और प्राप्त लाभांश से समूह की महिलाओं ने अपने लिए गहने भी लिए है। समूह की सदस्य मुकेश्वरी सोनवानी ने बताया कि गौठान से हुई आय से उन्होंने अपने लिए मंगलसूत्र लिया है। समूह की अन्य सदस्य राधिका साहू कहती है कि गौठान से हुई आय से उन्होंने अपने लिए करधन खरीदा है।

मुरा गौठान की गोवर्धन समूह की दीदीयों को वर्मी कम्पोस्ट और अन्य उत्पादों के विक्रय से लगभग 3 लाख रुपए की हुई आय

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