कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थापित 11वीं शताब्दी की प्राचीन, ऐतिहासिक, पुरातात्तविक एवं जनआस्था से जुडे़ स्थल भोरमदेव मंदिर की नींव सुदृढ़ीकरण एवं अन्य तकनीकी कार्य पुरात्तव एवं संस्कृति विभाग की विषय-विशेषज्ञ एवं कुशल कामगारों द्वारा किया जा रहा है। भोरमदेव मंदिर के नींव सुदृढ़ीकरण एवं रेलिंग कार्य पूरा कर लिया गया है। भोरमदेव मंदिर सुदृढ़ीकरण एवं अन्य तकनीकी कार्य संस्कृति एव पुरात्तव विभाग के तकनीकी एवं विषय विशेषज्ञों की टीम की देखरेख में किया जा रहा है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग द्वार भोरमदेव मंदिर परिसर में किए जा रहे चरणबद्ध कार्यों की पूरी जानकारी ली। उन्होंने पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के पुरातत्ववेत्ता से भोरमदेव मंदिर की छत से पानी के रिसाव को रोकने संबंध में कार्य की जानकारी ली। कलेक्टर ने बताया कि भोरमदेव मंदिर नींव एवं सृद्ढ़ीकरण एवं अन्य तकनीकी कार्यों में पुरातत्व विभाग की सुरक्षा मानकों के अनुरूप तकनीकी एवं कुशल कामगारों के द्वारा ही कार्य किए जा रहे है। उन्होनें बताया कि समय-समय पर कार्यों की प्रगति की जानकारी भी तकनीकी अधिकारियों के द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे है।
पुरातत्व विभाग के सहायक अभियंता सुभाष जैन ने बताया कि मंदिर के छत का परीक्षण किया गया है। परीक्षण के उपरांत मूल छत को प्राप्त करने के लिए बिना क्षति किए बंगाल के कुशल कारिगरों द्वारा प्लास्टर को निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंगाल के कुशल कारिगर द्वारा देश के विभिन्न पुरातत्व स्थलों का सुदृढ़ीकरण कार्यं किया गया है। इस कार्य को पुरातत्व विभाग के सहायक अभियंता स्थल पर उपस्थित होकर अपने मार्गदर्शन में कार्य करा रहे है।