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सरस आजीविका मेला में बिक्री के टूटे 26 साल के रिकॉर्ड , 300 महिला शिल्पियों ने लिया भाग

सरस आजीविका मेला में बिक्री के टूटे 26 साल के रिकॉर्ड , 300 महिला शिल्पियों ने लिया भाग

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नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेला (जो राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित है), बुधवार को संपन्न हुआ. इस मेले का आयोजन 14 से 27 नवंबर तक दिल्ली के भारत मंडपम में किया गया. इस वर्ष सरस आजीविका मेले को सशक्त भारत श्रेणी में आईटीपीओ द्वारा गोल्ड से सम्मानित किया गया। इस बार 43वें विश्व व्यापार मेले में बिक्री के मामले में 26 सालों के रिकॉर्ड टूट गए. जानकारी के अनुसार, इस बार मेले में आठ करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया गया. समापन समारोह के दौरान विभिन्न स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और स्टेट कोऑर्डिनेटर को अवार्ड देकर सम्मानित भी किया गया. यह अवार्ड उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कैटेगरी में दिया गया।

इसके साथ ही सरस आजीविका मेला के दौरान स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया. इस दौरान विभिन्न विषयों पर इन महिलाओं को वर्कशॉप के माध्यम से अपनी प्रोडक्ट्स को कैसे मार्केट से बेहतर दिखा सकें, इसके बारे में बताया गया।

बता दें कि, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित सरस आजीविका मेला 2024 का आयोजन भारत मंडपम में किया गया. 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 31 राज्यों की 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, 150 से अधिक स्टॉलों पर अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन की. सरस आजीविका मेले के दौरान देशभर के 31 राज्यों के हजारों उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री हुई।

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