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बहुल दूरस्थ गांव में अब हर घर में पहुंच रहा नल से पेयजल

बहुल दूरस्थ गांव में अब हर घर में पहुंच रहा नल से पेयजल

nal jal yojna

कबीरधाम। कई बरस बाद पचराही गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। सालों पहले यहां पुरातात्विक खुदाई में मिले 16वीं शताब्दी के सिक्कों और औजारों की वजह से पूरे देश में यह गांव चर्चा में आया था। पचराही इस बार भी एक अच्छे कारण से चर्चा में है। पचराही के रहवासियों, खासकर महिलाओं के चेहरे खुशी से दमक रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासियों की बहुलता वाले इस दूरस्थ गांव में अब हर घर में नल से पेयजल पहुंच रहा है। पेयजल और परिवार की अन्य जरूरतों के लिए पानी इकट्ठा करने रोज जूझने वाली महिलाएं अब सुकून से हैं। घर के आंगन तक पहुंचे नल से पूरे परिवार की जरूरतों के लिए भरपूर पानी आ रहा है। इसने गांव की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया है। हर घर स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल ने गांववालों को गंदे पानी से होने वाली सेहत के खतरों से भी चिंतामुक्त कर दिया है।

जिला मुख्यालय कवर्धा से 35 किलोमीटर दूर बोड़ला विकासखंड के पचराही में जल जीवन मिशन ने खुशियों की नई इबारत लिखी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 68 लाख रुपए की लागत से यहां जल आपूर्ति की व्यवस्था तैयार की है, जिससे गांव के 72 परिवारों को उनके घर पर ही पेयजल मिल रहा है। अब यहां की महिलाओं को पानी के लिए सवेरे से ही नहीं जूझना पड़ता। पहले महिलाओं को रोज दूर-दराज के जल स्रोतों से पानी लाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। पर अब घर पर ही स्वच्छ जल की उपलब्धता ने उनके जीवन को सरल और आरामदायक बना दिया है। घर पर ही पानी मिलने से इसके लिए रोजाना लगने वाले समय और श्रम की बचत हो रही है। इससे उन्हें अपनी आजीविका, बच्चों की परवरिश और घर के दूसरे कामों के लिए ज्यादा समय मिल रहा है।

जल जीवन मिशन से पचराही के सभी लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिल रहा है। नल जल योजना के पहले यहां के लोग पेयजल के लिए हैंडपंप तथा नदी-नालों पर आश्रित थे। यहां भू-जल में लौह तत्व की अधिकता के कारण पेयजल की समस्या बनी रहती थी। पर अब नल जल योजना ने पेयजल संबंधी सभी समस्याओं का निराकरण कर दिया है। अब हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंच रहा है। जंगलों के बीच बसे करीब 300 की आबादी वाले ग्राम पंचायत बोदा-3 के आश्रित गांव पचराही में सोलर पंप के माध्यम से पेयजल योजना संचालित की जा रही है।

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