
नई दिल्ली। एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण की दिशा में भारत की यात्रा स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच, समानता और परिणामों में पर्याप्त प्रगति से प्रदर्शित होती है। पिछले एक दशक मेंभारत ने परिवर्तनकारी नीतियों और पहलों को लागू किया है जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थरआयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई)का शुभारंभ था।
एबी पीएम-जेएवाई27विशेषज्ञताओंमें1,961उपचार प्रक्रियाओंके अनुरूप माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति वर्ष प्रत्येक पात्र लाभार्थी परिवार को5लाख रुपयेका स्वास्थ्य कवर प्रदान करता है। 17 दिसंबर, 2024 तक, एबी पीएम-जेएवाईने 36.28 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी करके महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे लाखों लोगों को स्वास्थ्य कवरेज मिला है। लिंग-वार उपयोग से पता चलता है कि जारी किए गएआयुष्मान कार्डोंमें से49%और अस्पताल में भर्ती होने वाले कुल लोगों में से लगभग50%महिलाएं हैं, जो स्वास्थ्य सेवा में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में योजना की भूमिका को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, एबी पीएम-जेएवाईने देश भर में 30,932 अस्पतालों को सफलतापूर्वक सूचीबद्ध किया है।
समानांतर रूप से,आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA)पहल के माध्यम से भारत के डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है। ABHA नंबर आपके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से एक्सेस करने और साझा करने का एक परेशानी मुक्त तरीका है। यह डिजिटल राजमार्गों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम के विभिन्न हितधारकों के बीच मौजूदा अंतर को पाट देगा।
स्वास्थ्य सेवा का समर्थन करने वाले डिजिटल बुनियादी ढांचे में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 22 दिसंबर 2024 तक,71.81 करोड़ से अधिकABHA नंबर तैयार किए गए हैं और46.53 करोड़ स्वास्थ्य रिकॉर्डABHA से जोड़े गए हैं। इसके अलावा, HFR पर3.55 लाख से अधिकस्वास्थ्य सुविधाएँ पंजीकृत हैं और HPR पर5.38 लाख से अधिकस्वास्थ्य सेवा पेशेवर पंजीकृत हैं।
भारत की स्वास्थ्य सेवा उपलब्धियों का एक और आधारमिशन इंद्रधनुषहै, जिसने सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण कवरेज का विस्तार किया है। यह अभियान कम टीकाकरण दर वाले क्षेत्रों को लक्षित करता है ताकि छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जा सके। मिशन इंद्रधनुष में रोकथाम योग्य बीमारियों से सुरक्षा बढ़ाने वाले11प्रकार के टीकोंका प्रावधान शामिल है। देश में अब तक मिशन इंद्रधनुष के सभी चरणों में कुल5.46करोड़ बच्चोंऔर1.32करोड़ गर्भवती महिलाओंको टीका लगाया गया है।
इन प्रयासों को प्रमुख स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार द्वारा रेखांकित किया गया है, जो लक्षित स्वास्थ्य सेवा रणनीतियों और हस्तक्षेपों की प्रभावशीलता को उजागर करते हैं। मातृ मृत्यु दर 2017-2019 में प्रति100,000जीवित जन्मों पर103सेघटकर 2018-20 में प्रति100,000जीवित जन्मों पर97हो गई। शिशु मृत्यु दर 2018 में प्रति1000जीवित जन्मोंपर32से घटकर 2020 में प्रति1000जीवित जन्मों पर28हो गई और कुल प्रजनन दर 2015-16 में2.2से घटकर 2019-21 में2.0हो गई। यह प्रगति उपभोक्ता-केंद्रित नीतियों और दक्षता और प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी द्वारा समर्थित पहलों का प्रमाण है।
भारत के स्वास्थ्य ढांचे में दूरदर्शी नीतियों और आयुष्मान भारत तथा मिशन इंद्रधनुष जैसी पहलों के सशक्त क्रियान्वयन के कारण परिवर्तनकारी परिवर्तन हुए हैं। ये उपलब्धियाँ सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने तथा सभी नागरिकों के लिए एक स्वस्थ भविष्य के निर्माण के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। जैसे-जैसे देश अपने स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत कर रहा है, एक मजबूत, समावेशी और टिकाऊ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की नींव रखी जा रही है, जो प्रत्येक व्यक्ति की भलाई को प्राथमिकता देती है।