
टीचर को महिला आयोग ने दी चेतावनी, अवैध संबंधों से दूर रहे, नहीं तो होगी कार्रवाई
जांजगीर-चांपा/Janjgir-Chapa। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग (Chhattisgarh State Women’s Commission) की किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट कार्यालय सभाकक्ष में महिला उत्पीडन से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक (Dr. Kiranmayi Nayak) की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रदेश स्तर की 177 वी और जिले स्तर की 7 वीं जन सुनवाई हुई। जांजगीर-चांपा जिले में आयोजित आज की जनसुनवाई में कुल 40 प्रकरणों पर सुनवाई की गई। इस प्रकार जिले में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा दो दिवसीय जनसुनवाई संपन्न हुई।
सुनवाई के दौरान उभयपक्ष उपस्थित दोनो पक्षों को सुना गया। आवेदिका का कहना है कि एन एम पद पर कार्यरत है कोविड डयूटी के बाद रात में खाना खाने गयी हुई थी उस बीच स्वास्थ्य केन्द्र में ताला लगा हुआ था। बाहर एक केस आया हुआ था जिसकी डिलीवरी बाहर हो गयी थी जिसको अंदर ले जाया गया इसके पश्चात अनावेदकगणों- गाली-गलौच और दुर्व्यवहार किया था। अनावेदकगण ने बताया कि आवेदिका अक्सर स्वास्थ्य केन्द्र में नहीं रहती और डिलीवरी के केश बिगाड कर बिलासपुर भेजती है और हर केस में पैसा मांगती है। अनावेदकगणों के द्वारा मोबाइल से खिंचे घटनास्थल का फोटो और उसके साथ लिखित शिकायत की प्रति प्रस्तुत किया है अनावेदकगणों द्वारा यह भी बताया कि आवेदिका फर्जी मार्कशीट के सहारे नौकरी कर जिसकी शिकायत पर आवेदिका निलंबित है। आवेदिका ने बताया कि नवम्बर 2022 से निलंबित है और प्रकरण उच्च कार्यालय में लंबित है। उपभयपक्षों के द्वारा घटना दिनांक के बाद विभिन्न स्थानों पर एक दूसरे की शिकायत करती है जिसका बयान भी हुआ है कोई प्रक्रिया भी चालू नहीं हुई है। आयोग का अभिमत है कि यह ग्रामीण स्तर पर तात्कालीन घटनाक्रम के आधार पर हुए तात्कालीन आकोश का परिणाम है क्योंकि घटनाक्रम पर जिस महिला की खुले मैदान में डिलीवरी हुई थी वह महिला अनावेदक रामावतार यादव की भाई बहू थी अर्थात मुख्यतः 1 पीड़िता वही महिला थी जिसकी जान खतरे में पड़ी थी चूंकि उस महिला ने अब तक कोई शिकायत नहीं किया है लेकिन उभयपक्ष उस प्रकरण को लेकर अनावश्यक विवाद कर रहे है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है।
एक अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित आवेदिका से विस्तार से सुना जाना पर स्पश्ट हुआ कि विगत 10 वर्शाे से दिवानी फौजदार का प्रकरण चल रहा है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।एक अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित प्रकरण को देखा गया सुना गया आदिका की शिकायत महिला आयोग में 19 अक्टूबर 22 को भेजी गयी थी जिसमें उसने अपनी बहू के खिलाफ शिकायत किया था जिस पर महिला परिवार परामर्श केन्द्र जाजगीर में तीन बार काउसलिंग हुई थी उसके पश्चात अनावेदिका ने बिर्रा में आवेदिका और उसके परिवार के अन्य चार सदस्यों के विरूद्ध धारा 498 ए के विरूद्ध केस करा दिया इससे यह स्पष्ट है कि प्रथम शिकायतकर्ता आवेदिका हैं लेकिन आज की तारीख में उसके ऊपर अपराध पंजीबद्ध है. और प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। अतः आयोग में सुनवाई होने से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों पक्षों को सुना गया दोनों एक ही घर में लगातर रह रहे है तीन साल से दानों के बीच बातचीत बंद है घर के किराये से आवेदिका का खर्च चल रहा है समझाने का प्रयास किया गया तथा परिवार परामर्श केन्द्र जाने की सलाह दिया गया तथा प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित इस प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक प्रमुख सचिव छ.ग. शासन को बनाया है जबकि प्रकरण का निराकरण डी.ई.ओ. रायगढ़ से निराकरण किया जाना है। अतः अनावेदक कमांक 01 में डी.ई.ओ. रायगढ़ का नाम संशोधित कर जोड़ा जाए। आवेदिका ने बताया कि 2015 में बालिग होने के बाद अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन प्रस्तुत किया है जिसे आगे बढ़ाया गया था और आज 2003 का बहाना लिया जा रहा है। आवेदिका पक्ष समस्त दस्तावेजो के साथ उपस्थित तथा डी.ई.ओ. रायगढ़ पूर्ण गजट का पेपर लेकर उपस्थित होने हेतु अगली सुनवाई 02 जून 2023 को रायगढ़ में रखने के निर्देश दिये।
एक अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया दो महिना पूर्व से दोनो पक्ष न्यायालय के सुलह नामा से एक साथ रह रहे है। अभी शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कुल अड़भार में सामाजिक विज्ञान का शिक्षक है और लगभग 9 साल से कार्यरत है उसकी तनखा लगभग 47 हजार रूपये प्रतिमाह है। उभयपक्ष का विवाह 05 फरवरी 2022 में हुआ था उसके बाद भी सेवा पुस्तिका में नाम दर्ज नही कराया है – पक्षों को विस्तार से सुना गया अनावेदक शासकीय सेवा में है अनावेदिका कमांक 05-अन्य लड़की के साथ उसका अवैध रिश्ता है जिसके कारण पति-पत्नि में अलगाव हुआ था और वह लड़की अभी भी आवेदिका को परेशान कर रही है। अनावेदक को समझाईश दिया गया कि अवैध संबंधों से दूर रहे अन्यथा आयोग की ओर से उसके विभाग में सिविल सेवा आचरण संहिता के तहत कार्यवाही करने के लिए पत्र भेजा जायेगा। आवेदिका अपने रिश्ते को बचाना चाहती है इसलिए एक वर्ष का समय दिया जा है सखी सेन्टर जाजगीर से दोनो पक्ष अपना लिखित सुलहनामा तैयार करें और रायगढ़ सुनवाई 02 जून .2023 को दोनो उपस्थित होकर अग्रिम निराकरण के लिए उपस्थित हो। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित अनावेदक थाना प्रभारी उपस्थित उन्होने बताया कि झूठी शिकायत दर्ज की गई एफ.आई.आर. में आरोपी से मिलकर उसके पक्ष में गवाही देकर उसे दोषमुक्त करा दिया है। अनावेदक से कहा गया कि वह समस्त दस्तावेज एवं समस्त कथन आयोग में भेज दे जिसके आधार पर यह नस्तीबद्ध किया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित अनावेदक पक्ष ने बताया कि थाना से समझौता हो गया है और आवेदिका को उसके जमीन के दस्तावेज दे दिये गये है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों के मध्य राजीनामा होने से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित उसने बताया मामला न्यायालय में लंबित है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित पुलिस प्रतिवेदन के आधार पर कोई भी गाली-गलौच कार्यवाही होना नही पाया गया और आवेदिका स्वयं अधिवक्ता है उसे समझाईश दिया गया कि प्रकरण न्यायालय में दर्ज करावें तथा प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका ने बताया कि उसने अनावेदक के विरूद्ध जैजैपुर थाना में एफ.आई.आर दर्ज करा दिया है अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक वर्तमान में जम्मू रहने चला गया है। और आवेदिका को 15 साल पहले छोड़ा था प्रकरण समयावधि होने के कारण नस्तीबद्ध किया गया।